Tuesday, October 5, 2010

जयपुर की आग

जयपुर की आग

नवल और चंचल दौङते हुये बाबा के पास आये.
“बाबा! बाबा! जयपुर में पेट्रोल कुओं में आग लगी है.”
“ यह तो मैं भी देख रहा हूँ चंचल! यह अपने प्रदेश का सबसे बङा पेट्रोल भंडारण का टैंक है. देख रहा हूँ कि आग कैसे लगी. अभी वहाँ के अधिकारी-इंजीनियर तो कुछ बता नहीं पा रहे….” बाबा ने स्क्रीन पर तलाश जारी रखते हुये कहा.
“बङी दुर्घटना है बाबा! आपको चिन्ता नहीं होती?” नवल ने धीरे से पूछ ही लिया.
बाबा स्क्रीन पर व्यस्त रहे. उत्तर भगवती ने दिया,sahiasha.com

Monday, December 7, 2009

रोसनी

राहुल भैया ने किया फिरसे नया कमाल.
हरदोई में उतरते, अंधकार बेहाल.
अंधकार बेहाल, रोशनी कहाँ से आये?
विज्ञ-जनोंका चिन्तन, कोई समझ ना पाये.
कह साधक अब वोट भले मिल जाये भैय्या.
सुख-शान्ति कैसे पायेंगे राहुल भैया?

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जीवन विद्या

मैंने जीवन पा लिया, जीवन विद्या खूब.
स्वयं प्रमाणित हो सकूँ, बस इतनीसी हूक.
रे साधक, सह-अस्तित्वमें डूब.

आपसे मिलकर धन्यता, आनन्दों की खोज.
आयें बैठें साथ अब, मिलना निश्चित रोज.
रे साधक, मिलें परस्पर रोज.

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Tuesday, February 10, 2009

मूल प्रश्न

बेहतर हो कि हम करें, मूल प्रश्न पर चर्चा.
यह धरती किसकी माँ है, कौन कर रहा अर्चा.
कौन कर रहे अर्चा,देकर प्राण खुशी से.
किसकी निष्ठा शक से ऊपर, कहो खुशी से.
पूछे साधक साजिद मियाँ बात बत्ताओ.
कुरान या फ़िर देश की माटी,क्या बेहतर हो?


माइकल बन गये मिकाइल,ईसा छोङ के मोमिन.
फ़र्क क्या पङा सोच लो, दोनो संवेदन-बिन.
दोनों संवेदना-हीन, विश्व को नर्क बनाते.
फ़ूहङ नाचे माइकल, मिकाईल बम्ब उङाते.
कह साधक कवि,जैसे शुम्भ-निशुम्भ हो गये.
ऎसा छोङ के मोमिन, जेक्सन माईकल बन गये.

संघर्ष की गाथा


संघर्ष की गाथा
संघर्ष और विजय की गाथा है स्लम-डाग मिलियोनर.
संघर्षों के रोमाँच की,
भय की - आशंका की – अनिश्चितता की
और इन सबको चीरते हुये
विजय की और ईंच-दर-ईंच बढने की
सम्पूर्ण विषमताओं के बावजूद विजयश्री के
वरण के आनन्द की कथा है-स्लम-डाग मिलियोनर.

संघर्ष जमाल का-सलीम का- लतिका का
संघर्ष बस्ती का-पुलिस और गुँडों के साथ
संघर्ष भारत का – शक्तिशाली इंडिया के साथ
संघर्ष प्रेम का-पैसे के साथ-मान्यताओं के साथ-परम्पराओं के साथ
संघर्ष भावनाओं का- नृशँस व्यवस्था-तन्त्र के साथ
संघर्ष चेतना का- पदार्थ के साथ.

संघर्ष मिलन के लिये
संघर्ष विकास के लिये
संघर्ष मुक्ति के लिये
संघर्ष प्रेम के लिये
संघर्ष विजय-प्राप्ति के लिये
संघर्ष और विजय की कथा है- स्लम-डाग मिलियोनर.

संघर्ष पूरे जीवट के साथ
संघर्ष पूरी जद्दो-जहद के साथ
संघर्ष सम्पूर्ण इच्छा शक्ति के साथ
संघर्ष प्राण-प्रण के साथ-विजय के लिये.
संघर्ष और विजय की कथा है स्लम-डाग मिलियोनर.

संघर्ष ही जीवन है.
फ़िल्म में ही क्यों, प्रत्यक्ष जीवन में जारी है संघर्ष
भारत की हर साँस-साँस संघर्षरत
भारत की हर धङकन संघर्षरत
भारत संघर्षरत- इंडिया के विरुद्ध
गरीब,असहाय, निशस्त्र भारत संघर्षरत है.
जमाल में जिन्दा है भारत
बस्ती में पिसता है भारत
इण्डिया के तन्त्र से पीङीत भारत
निरन्तर बढते-चमकते-चहकते इण्डिया के विरुद्ध
भोग और पदार्थवाद के विरूद्ध
विज्ञापन और बाज़ारवाद के विरुद्ध
सेकूलर शिक्षा और निर्मम अर्थ-तन्त्र के विरुद्ध
सिद्धान्त-शून्य वोट-तन्त्र के विरुद्ध
आस्था-शून्य विकास-तन्त्र के विरुद्ध
संघर्षरत है भारत- विजय के लिये
और विजय का विश्वास बढाता है स्लम-डाग मिलियोनर.

आवश्यक है संघर्ष
अपरिहार्य है संघर्ष
जमाल को लङना ही पङता है-चाहे-अनचाहे
भारत को लङना ही पङेगा चाए-अनचाहे
जमाल लङता है, प्रेम के लिये
भारत लङेगा अपने आदर्शों के लिये
जमाल हारता है बार-बार,मगर टूटता नहीं
भारत हार सकता है, कई बार- मगर टूटेगा नहीं.
गिरना,घायल हो जाना, लहू-लुहान हो जाना संभव है
मगर थकना, हार जाना और टूट जाना संभव नहीं
अन्तिम जीत प्रेम की, सत्य की, भारत की है
जमाल तो निमित्त है केवल
मगर बङा अर्थ-पूर्ण है यह निम्मित्त भी.
जमाल-सलीम-लतिका,
नाम को छोङकर कहाँ है- मजहबी उन्मादी रंग?
भारत प्रकट हुआ है जमाल में
इण्डिया स्पष्ट है सलीम में
और लतिका बन गई दोनों की कसौटी.
इण्डिया है-सैक्स,हिंसा, कपट, चालबाजी-सलीम.
भारत है- प्रेम, करूणा,मुदिता, सच्चाई-जमाल
सलीम सताता है जमाल को
इण्डिया हावी है भारत पर
हारता है सलीम का लालच, कपट और मोह-अन्ततः
हारना ही है इण्डिया को अन्ततः
और जीतता है- भारत का प्रेम,मासूमियत और सच्चाई अन्ततः
जीतना ही है भारत को
इण्डिया पर भारत की जीत की घोषणा है स्लम-डाग मिलियोनर
इण्डिया पर भारत की जीत का दस्तावेज है-स्लम-डाग मिलियोनर
..... naiasha.com ummed sadhak

Friday, January 2, 2009

Aks: उनका प्यार ही मेरी ऊर्जा है: विद्या बालन/जन्मदिन 1 जनवरी पर विशेष

Aks: उनका प्यार ही मेरी ऊर्जा है: विद्या बालन/जन्मदिन 1 जनवरी पर विशेष
हँसी-खुशी से बढ रही, प्यारी विध्या-बालन.
हँसी-खुशी-पूर्वक हुआ, उसका लालन-पालन.
उसका लालन-पालन, फ़िल्म-दर्शकों द्वारा.
खूब मिला है प्यार, सुधि दर्शकों द्वारा.
कह साधक बाक्स-आफ़िस की सीढी ही चढ रही.
प्यारी विद्या-बालन, हँसी-खुशी से बढ रही.

अदालत: Satyam- Maytas विवाद अमेरिकी अदालत मे

अदालत: Satyam- Maytas विवाद अमेरिकी अदालत मे
सत्यम कभी ना भायेगा, अमरीका को यार.
कैसे बढने दे भला, भारत का व्यापार.
भारत का व्यापार, पुष्ट करता मानवता.
सत्यम से दुख पाती अमरीकी दानवता.
कह साधक भारत का शुभ दिन फ़िर आयेगा.
अमरीका को मगर, सत्यम कभी ना भायेगा.